shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

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शिवाष्टकस्तोत्र को सुबह- शाम किसी भी दिन पढ़ सकते है।

नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

सोमवार here के दिन आप सब से जल्दी उठ जाए और उसके बाद स्नान करें फिर पूजा घर में शिव जी माता पार्वती और नंदी को स्थापित करें तथा उन पर गंगा जल चढ़ाएं उसके उपरांत भगवान शिव की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और पूजा आरंभ करें ध्यान रखें जी आप सबसे पहले गणेश भगवान की आरती करें और उसके बाद ही आप शिवजी की चालीसा करें शिवजी पर बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं.

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

अस्तुति चालीसा शिविही, सम्पूर्ण कीन कल्याण ॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

अपना मुंह पूर्व दिशा में रखें और कुशा के आसन पर बैठ जाएं।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

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